यूं तो जीवन में मेरे मौज भी है,
पर जारी उसकी अभी खोज भी है.
जिस भी चीज को चाहा है,
अपनी मेहनत और लगन से पाया है.
कौन होगी ,कैसी होगी वो,
जिसने अब तक पल-पल सताया है.
एक वो ही नहीं आई तो क्या हुआ,
आता उसका सपना रोज ही है.
यूं तो जीवन में मेरे मौज भी है,
पर जारी उसकी अभी खोज भी है.
हर काम अपना अपने-आप करने की,
अब मैंने ठान ली है.
मिलेगा वही जो लिखा है मुकद्दर में,
ये बात अब मैंने मान ली है.
दिल जिसे चाहता है,वही हमें भाता है,
अनजानों की तो खड़ी फ़ौज ही है.
यूं तो जीवन में मेरे मौज ही है,
पर जारी उसकी अभी खोज भी है.
बनाने वाले ने किसी को तो ,
मेरे लिए भी बनाया होगा.
क्या मिल जाएगी मुझे वो,
जिसको मैंने दिल से चाहा होगा.
हर किसी के अरमान पूरे नहीं होते,
ऐसे किस्से सुनते रोज ही हैं.
यूं तो जीवन में मेरे मौज ही है,
पर जारी उसकी अभी खोज भी है.
No comments:
Post a Comment