Saturday 3 September 2011

103. या दुनियादारी लागे बड़ी प्यारी


या दुनियादारी लागे बड़ी प्यारी ,
बड़ी प्यारी हाम नै.


या दुनियादारी कर दे ख़राब-माटी थाहरी,
या मुबारक थाम नै. 


म्हारे बीवी-बच्चे लागे मन तै सच्चे.
ये हैं म्हारे जीने का सहारा.


कैसे बीवी-बच्चे,हम तो अकेले है अच्छे,
अकेले जीने का मज़ा ही है न्यारा.


खाना-पीना मौज उड़ाना,
और कीमे काम ना हाम नै.


या दुनियादारी लागे बड़ी प्यारी,
बड़ी प्यारी हाम नै.


या दुनियादारी कर दे ख़राब-माटी थाहरी,
या मुबारक थाम नै.


हाम बच्चे पाला ,बीवी संभाला,
ये सुख-दुःख के साथी म्हारे.


बीवी-बच्चों का फाला,ना खान दें निवाला.
म्हारे होरे सँ अकेलां के न्यारे-व्यारे.


अकेले जहाँ हो जाना ,जहाँ हो आना,
अकेले भजै राम नै.


या दुनियादारी लागे बड़ी प्यारी ,
बड़ी प्यारी हाम नै,


या दुनियादारी कर दे ख़राब-माटी थाहरी,
या मुबारक थाम नै.


घर बसाना,पड़े कमाना,
थारे बस का काम नहीं.


किते आवां -जावां,खावाँ उठै सो जावां ,
किसी बंधन में हाम नहीं.


हम मनमौजी जो जी चाहे कराँ जी,
कितै उठां कितै सोवाँ शाम नै.


या दुनियादारी लागे बड़ी प्यारी ,
बड़ी प्यारी हाम नै.


या दुनियादारी कर दे ख़राब-माटी थाहरी,
या मुबारक थाम नै....
 


 


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