Saturday 10 September 2011

178. मेरा नाम है बिजेंद्र


मेरा नाम है बिजेंद्र ,
झांकता हूँ सबके दिलों के अंदर.


पता चल जाता है पल में मुझे,
कौन है इन्सान कौन है बन्दर.


जो भी मिले एक पल को मुझे ,
दोस्त बन बैठे ,इंतजार ना करे पल का भी.


चले जो साथ मेरे ,
मुसीबतों का करे पार समंदर.


मेरा नाम है बिजेंद्र ,
झांकता हूँ सबके दिलों के अन्दर.


मिला जो एक बार मुझे ,
मेरा होकर रह जाता है.


गम ना घेर पायें उसे कभी,
हर पल मुस्कराता है .


सच्चाई का देता हूँ साथ,
नहीं करता बाह्य-आडम्बर.


मेरा नाम है बिजेंद्र,
झांकता हूँ सबके दिलों के अन्दर.


छल-कपटी,धोखेबाजी,बेईमानी का ,
नहीं करता किसी से व्यवहार मैं.


दोस्तों से दुनिया भरी है मेरी,
क्यों करूँ किसी से दुराचार मैं.


दिल के अन्दर झांककर देखो मेरे,
मेरा दिल है प्यार का मंदिर.


मेरा नाम है बिजेंद्र,
झांकता हूँ सबके दिलों के अन्दर...














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