Saturday 10 September 2011

153. तुझसे प्यार ना करते तो,


तेरे गम में लिख दी हमने ,
एक दुःख-भरी कहानी.


तेरे नाम कर दी हमने,
अपनी प्यार-भरी जवानी.


तुझसे प्यार ना करते तो,
ना जाने क्या हम कर जाते.

तेरे गम में ना तड़फते ,
चैन से हम मर जाते.


सारी जिन्दगी तेरे गम को अब तो,
हमें अपना कहना पड़ेगा.


हमारा ही कसूर है इसमें,
सारी जिन्दगी तेरे संग रहना पड़ेगा.


क्या कसूर किया था हमने,
जो इतनी बड़ी सजा दे रहे हो.


ना पास रहकर प्यार दिया ,
ना दूर रहकर मज़ा दे रहे हो.


कुछ ना करने को जी चाहता है,
अब तो जीने का मकसद मर गया.


किसको ठहराएँ दोषी इसमें,
ये दोष तो मैं खुद ही कर गया.


जिन्दगी में क्या कुछ करने को सोचा था,
तेरे चक्कर में क्या-कुछ कर गए.


तुझसे करके प्यार हम,
किस मोड़ पे ठहर गए.


सब कुछ भूल गए सिवा तेरे,
तेरे प्यार में ये हम क्या कर गए.


हर पल याद करके तुझे,
हम जीते जी मर गए.......



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