Sunday 4 September 2011

111. चाहे जीना छोड़ दे,चाहे पीना छोड़ दे


कितना जरुरी है ये तेरा पीना ,
कितना जरुरी है ये तेरा जीना ,
चाहे जीना छोड़ दे,चाहे पीना छोड़ दे.


कितना कठिन था वो महिना,
कितना कठिन है ये महिना,
मेरे संग आ जा और पीना छोड़ दे.


या तन्हाई को अपना ले और जीना छोड़ दे,
क्या जरुरी है ? तेरा जीना या तेरा पीना,
जीना है तो पीना छोड़ दे,पीना है तो जीना छोड़ दे.


कितना जरुरी है बहाना यों पसीना,
कितना जरुरी है पाना वो हसीना,
हाथों में लगा ले हिना या हसीना छोड़ दे.


क्या जरुरी है मेरे संग आना,
या जुदाई में आँसूं बहाना,
मेरे संग आना छोड़ दे ,या आँसूं बहाना छोड़ दे.


कितना जरुरी है ये तेरा नहाना,
कितना जरुरी है ये तेरा खाना,
आ मेरे दिल में बस जा,खुद को सजाना छोड़ दे.


साथ रहना है मेरे तो सारे बंधन छोड़ दे,
हमारे बीच आने वाले का सिर फोड़ दे ,
या तो दे सारे वादे,मुझे तन्हा छोड़ दे.


कितना जरुरी है ये तेरा जीना ,
कितना जरुरी है ये तेरा पीना,
चाहे पीना छोड़ दे,चाहे जीना छोड़ दे..




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