Saturday 3 September 2011

109. दिल का दर्द ना सताए तो


आँखों में नींद ना हो तो ,
कोई दिन-रात नहीं सोता.


दिल का दर्द ना सताए तो ,
कोई दिन-रात नहीं रोता.


दिल में दर्द होने लगता है,
जब किसी की याद सताती है.


तन्हाई में बैठकर रोने को दिल करता है ,
जब दर्द की घड़ी हद से बढ़ जाती है.


नहीं तो हर कोई चाहता है हँसते रहना ,
रोने का किसी को चाव नहीं होता.


आँखों में नींद ना हो तो,
कोई दिन-रात नहीं सोता.


दिल का दर्द ना सताए तो,
कोई दिन-रात नहीं रोता.


जब कोई छोड़ देता है तन्हा,
प्यार में धोखा करके.


जीने को जी नहीं करता है,
जीना पड़ता है हर रोज मर-मर के.


ऐसे हालात में कोई करे भी तो क्या,
जब किसी पर विश्वास ही नहीं होता .


आँखों में नींद ना हो तो,
कोई दिन-रात नहीं सोता.


दिल का दर्द ना सताए तो,
कोई दिन-रात नहीं रोता.


मिलने को तडफता है जब कोई,
चेहरे पर ख़ुशी की हलचल नहीं होती.


बगैर आंसूओं के भी रोता है तब,
जब बरदास्त इंतजार का एक पल नहीं होता.


कुछ तो वजह रही ही होगी,
यों ही कोई दुश्मनी के बीज नहीं बोता.


आँखों में नींद ना हो तो ,
कोई दिन-रात नहीं सोता.


दिल का दर्द ना सताए तो,
कोई दिन-रात नहीं रोता..


 

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