Saturday 10 September 2011

176. कितना चाहने लगे हैं


क्या बताएं अब हम आपको,
कितना चाहने लगे हैं.


एक-एक लम्हा जो जुड़ा हो आपसे,
दिल में बसाने लगे हैं.


एक आप हैं जो दिनों-दिन,
दूर जाने लगे हैं.


क्या खता हो गई हमसे,
जो दोस्त कह के भुलाने लगे हैं.


नज़र-भर देखने मात्र से,
स्वर्ग-सा सुख पाने लगे हैं.


क्या बताएं अब हम आपको,
कितना चाहने लगे हैं.


मैं कुछ कहता हूँ ,
आप कुछ अर्थ लगाने लगे हैं.


प्यार से मुस्कराकर ,
नज़र क्यों चुराने लगे हैं.


अपना समझकर आपको ,
दर्द-ए-दिल बताने लगे हैं.


क्या बताएं अब हम आपको ,
कितना चाहने लगे हैं.


आपकी दोस्ती को हम ,
जिन्दगी-भर भूल नहीं पायेंगे.


चाहे कितनी बड़ी दुःख की घड़ी आये ,
आपको याद करके ख़ुशी से फूल जायेंगे.


जब से आपको देखा है ,
गीत प्यार के गाने लगे हैं,


क्या बताएं अब हम आपको ,
कितना चाहने लगे हैं...





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