Sunday 21 August 2011

44. कोई तो बुझाएगा

           आग है लगी हुई ,कोई तो बुझाएगा .
दिन-भर दिल कहीं लगता नहीं .
रात को  कहाँ चैन आएगा .


कुछ समझ नहीं आता क्या करें क्या नहीं ,
मुझको कौन समझाएगा .
आग है लगी हुई कोई तो बुझाएगा ,


खुद को ही करना पड़ता है हर काम अपना ,
अपने ही जब बेगाने हो गए,
किसका देखें अब सपना .


मेरी इस वीरान-ए-जिन्दगी में,
कौन खुशियों का बाग़ लगाएगा ,
आग है लगी हुई कोई तो बुझाएगा .


इंतजार रहता है अब हर घडी ,
कब कोई अपना मिले .
दिल में दुखों का भंडार है ,

ना जाने कब ये खुशियों से खिले.
इसी आस में जी रहे हैं ,
कभी तो कोई आएगा.
आग है लगी हुई कोई तो बुझाएगा.


कुछ दिन और तनहा रहे तो ,
सारी आस टूट जाएगी.


और तो सभी हमसे खफा हैं ही ,
ये जिन्दगी भी हमसे रूठ जाएगी.


इसके बाद क्या होगा देखा जायेगा ,
आग है लगी हुई कोई तो बुझाएगा.


दिन में दिल कहीं लगता नहीं ,
रात को चैन कहाँ आएगा .


43.नौकरी है मिल गई,


                  नौकरी है मिल गई,
 छोकरी  का चला रखा है चक्कर .


झोंपड़ी भी बना लेंगे ,
जब आयेंगे सीमेंट,बजरी ,कंकर .


रुपये-पैसे की किल्लत नहीं होगी ,
साथी भी होगा प्यारा-प्यारा .


आराम से गुजरेंगे जिन्दगी,
ऊपर होगा अपना अलग चौबारा .


ना किसी से बैर रखेंगे ,
ना लगायेंगे किसी से टक्कर .


नौकरी है मिल गई ,
छोकरी का चला रखा है चक्कर.


चाहत है जिसकी वर्षों से ,
अगर छोकरी वह पट जाएगी .


ना कमी रहेगी किसी चीज की ,
ऐशो -आराम से जिन्दगी कट जाएगी.


क्या मिल जाएगी वह या 
उसके बिना मर जायेंगे पैर पटक कर .
 

नौकरी है मिल गई ,
छोकरी का चला रखा है चक्कर .


आने लगे हैं अब सपने उसके ,
रात भर रह रह कर .


कितने दिन और काटने पड़ेंगे ,
जुदाई उसकी सह सह कर .


छान मरे उसके लिए ,
ना जाने कितने गाँव -शहर .


नौकरी है मिल गई ,
छोकरी का चला रखा है चक्कर .


42. धोखेबाज़ लुगाई तै


धोखेबाज़ लुगाई तै,
 ना यारी करिए  माणस,

चून तेरा या काढ लेगी ,
बना कै रख देगी छानस .

भाई-भाईयाँ  कै बीच  म ,
 दुश्मनी का बीज बो देगी ,

मनसां  म बैठन जोगा नहीं छोड़ेगी ,
या तीन जहान त खो देगी .

 कितना भी चाहे या हेज़ दिखाव ,
इसनै ना कभी अपणा कहिये माणस .

धोखेबाज़ लुगाई त ,
ना यारी करिए माणस .

चून तेरा काढ लेगी ,
बना कै रख देगी छानस .

भला किसी का कदे नहीं चाहा ,
ना भलाई का कोई काम करा स .

जड़े भी मौका मिला ,खूटे ठोके ,
भले त भला माणस बदनाम करा स .

कितनी भी दे  या मिट्ठी गोली ,
कदे इसके बहकावे म ना आइये माणस ,

धोखेबाज़ लुगाई त ,
ना यारी करिए माणस .

चून तेरा या काढ लेगी ,
बना कै  रख देगी छानस .

बिगरोड़ी का बेरा ना ,
कितना न और बिगाड्गी.

कितने घर बर्बाद किये ,
कितना न और उजाडगी,

जीना चाहे त बच के रहिये ,
जड़कर भी ना जाइए .

मिट्ठी बोलन आली क ,
ना चक्कर में पड़िये माणस ,

धोखेबाज़ लुगाई त,
ना यारी करिए माणस ,

चून तेरा या काढ लेगी, 
बना क रख देगी छानस .


41. बस पीछे प्यार रह जायेगा.

कोई हमारी जान लेने के लिए जिन्दा है ,
कोई हमारे लिए मरने के लिए तैयार है .


कोई चाहता है जिन्दगी-भर की दुश्मनी निभाना ,
कोई मरकर भी कहेगा कि तुझसे ही प्यार है .


ये दुनिया बड़ी अजीब है ,
यहाँ कोई जानी दुश्मन है तो कोई यार है .


कोई हमारा चेहरा देखना भी पसंद नहीं करता ,
तो कोई हररोज मिलने को बेक़रार है .


लेकिन एक दिन ऐसा भी आएगा ,
दुश्मन को भी हमसे प्यार हो जायेगा .


फिर आएगी हमें उस यार कि याद ,
जो कभी वो हमसे कोसों दूर हो जायेगा.

ना आएगा फिर सामने कभी ,
बस याद उसका प्यार रह जायेगा.


हम कुछ ना कह पाएंगे उससे ,
सब कुछ वही कह जायेगा.


ना होगी कभी मुलाक़ात उससे,
वो अब सपना बनकर रह जायेगा.


कैसा अजीब दुनिया का ये व्यवहार है.
किसी से दुश्मनी तो किसी से प्यार है ,


किसी के लिए जन्नत है ये दुनिया ,
तो किसी के लिए बेकार है.


कोई चाहता है यहाँ बार-बार आना,
तो छुटकारे के अभी से तैयार है.


साथ किसी के कुछ नहीं जायेगा .
बस पीछे प्यार रह जायेगा.
दुश्मनी का वार ना जाने कहाँ जायेगा.


40. मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया


जिसके होंठों पे था हरदम मेरा नाम,
उसने ऐसा  किया मुझे बदनाम ,
मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया .


हर रोज गम भरे गीत सुनकर ,
याद ताज़ा कर लेता हूँ ,उसकी बेवफाई की ,
प्यार की पींगों को अब आगे बढ़ाना छोड़ दिया .


दिल कुछ हल्का हो जाता है ये सोचकर ,
कोई तो मेरी बनकर जिन्दगी में आई थी ,
ये बात अलग है कि अब उसने साथ छोड़ दिया .


हमें भी गुमान कम न था ,अपने अहम् पर ,
इसीलिए सब कुछ किया था अपने दम पर ,
यही वजह है कि उसने मुह मोड़ लिया .


बिकने वाली चीज के लगाये जाते है दाम ,
उसका हुस्न अनमोल था मेरे लिए ,
उसके हुस्न का मोल लगाना छोड़ दिया .


जिसके होंठों पे था हरदम मेरा नाम ,
उसने ऐसा किया मुझे बदनाम ,
मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया ...


39. इश्क तो ऐसा खेल है जिसमे


                इश्क  तो ऐसा खेल है जिसमे ,
कदम कदम पे फाउल  हो जाये .

ध्यान से न खेलो तो ,
पल में प्यार की बाल खो जाये .

जिसको आता ये खेल खेलना ,
उसके लगते दाम नहीं .

घबराता है ज़माने के डर से जो ,
उसका इस खेल में कोई काम नहीं .

वो तो खेल के नियम ,
सुनकर ही बेहोश हो जाये ,

इश्क तो ऐसा खेल है जिसमे ,
कदम कदम पे फाउल हो जाये .

इस खेल के खिलाडी को ,
हर कोई पाना चाहता है ,

इश्क में प्यार की गेंद को ,
बड़ी किस्मत वाला ही पता है.

अगर इतना ही आसान हो ये खेल ,
तो हर कोई इसका खिलाड़ी हो जाये .

इश्क तो ऐसा खेल है जिसमे ,
कदम कदम पे फाउल हो जाये .

बड़े से बड़ा खिलाड़ी भी ,
हारने पर मजबूर हो जाये .

रिस्क  इतना बड़ा है इसमें ,
चंद दिनों में दुनिया से दूर हो जाये .

खेलता है इसे वही जो जानता है ,
अंजाम अब चाहे कुछ हो जाये .

इश्क तो ऐसा खेल है जिसमे ,
कदम कदम पे फाउल हो जाये . 


38. ढेर सारा प्यार दिया

              जिससे मैंने प्यार किया ,
कल रात उसने मिलने को बेक़रार किया .


वादा भूलकर सो गई चैन से ,
मैंने रात-भर बैठकर इंतजार किया .


इंतजार का बांध तोड़कर ,
खुद जाकर उसको जगाना चाहा .


दरवाजे तक गया बड़ी हिम्मत से ,
लेकिन उसके पास न जा पाया .


उसे बुलाने कि खातिर ,
एक कंकर से उस पर वार किया .


जिससे मैंने प्यार किया ,
कल रात उसने मिलने को बेक़रार किया .


वादा भूलकर सो गई चैन से ,
मैंने रात-भर बैठकर इंतजार किया .


कंकर लगा भी नहीं ,
मगर इत्तेफाक से वह  सपने से जाग गई .


याद आई जब मुझसे मिलने की ,
नींद उसकी दूर भाग गई .


वह दौड़ कर आई ,घर अपना छोड़कर आई .
और मुझे ढेर सारा प्यार दिया .


जिससे मैंने प्यार किया ,
कल रात उसने मिलने को बेक़रार किया .


वादा भूलकर सो गई चैन से ,
मैंने रात-भर इंतजार किया ...


37. तेरी बेवफाई को

            तेरी बेवफाई  को चुपके से सहना है ,
अपने प्यार की सफाई में ,
मुझे कुछ नहीं कहना है .


इतना तो तू भी जान चुकी होगी ,
अब दूर -दूर  ही हमें रहना है ,
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


कितना गहरा प्यार था हम दोनों में ,
ना किसी काम के लिए  इंकार  था हम दोनों में .
साथ तुम निभा ना पाई,अब तन्हा ही रहना है .
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


मेरा साथ तुझे रास ना आया ,
मज़ा प्यार में खास ना आया .
मेरा अंजाम जो भी इश्क में ,
बस तुझे तो वासना में रहना है.
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


मुझे पसंद नहीं तेरा ये रूप ,
हरपल सेक्स ही सेक्स ,
और कुछ नहीं कहना है .
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


अब मैं  जान गया ,
क्या कुछ तेरी कामना है .
तेरे दिलो -दिमाग में 
बस वासना ही वासना है,
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


दोस्ती और प्यार से ,
तेरी ना कोई पहचान है ,
देख चुका मैं कैसी तेरी शान है .
तेरे बारे में अब मुझे कुछ नहीं कहना है ,
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है .


अपने प्यार की सफाई में ,
अब मुझे कुछ नहीं कहना है .
तेरी बेवफाई को चुपके से सहना है ...


36. कोई तो ऐसी रैन आये


कोई तो ऐसी रैन आये ,
दिल को मेरे चैन आये .


मिल सकूं दिल खोलकर ,
हुस्न तेरा आँखों में समां जाये .


तुम ना रहो,मैं मैं ना रहूँ .
एक दूजे में इतने खो जाएँ .


नशा ऐसा छ जाये हम पर ,
बेहोशी के आलम में सो जाएँ .


कोई न ऐसा दिन आये ,
हम अपने को अकेला पायें .


जब तक है जान इस सीने में ,
साथ साथ रहकर दिखाएँ.


मौत भी आये गर कभी ,
खुद  को तेरी बाँहों में पायें .


प्यार में जी कर दिखाना है ,
चाहे एक पल में मर जाएँ .


बस यहीं तमन्ना है दिल में ,
तेरे प्यार में अमर हो जाएँ .


कोई तो ऐसी रैन आये ,
दिल को मेरे चैन आये .


मिल सकूं दिल खोलकर ,
हुस्न तेरा आँखों में समा जाये...




35.दिल कहीं लगता नहीं


दिल कहीं लगता नहीं ,
अब क्या सुने और क्या कहें .

नींद भी आती नहीं ,
अब क्या  जागें  और क्या सोयें .

कोई अपना रहा ही नहीं ,
कैसे होंगे पूरे अरमान .

किसको रखें अब इस दिल में ,
बनाके अपना मेहमान .

सुख-चैन पायें कहाँ ,जाएँ तो जाएँ कहाँ ,
तन्हाई में रहें तो कैसे रहें .

दिल कहीं लगता नहीं,
अब क्या सुने और क्या कहें .

वो छोड़कर चले गए हमें ,
गुस्से में यों तनकर.

हम सह गए तन्हाई ,
उनके प्यार में उल्लू बनकर .

प्यार में तो सब ठीक है ,
मगर बेवफाई के दाग को कैसे सहें .

दिल कहीं लगता नहीं ,
अब क्या सुने और क्या कहें .

उनके संग रहकर गुजरे हैं ,
जो पल सुख -चैन के .

तंग करते हैं अब मुझे,
वो पल दिन के रैन के .

कब तक अपने ही ,
आंसूओं में हम बहें .
 
दिल कहीं लगता नहीं ,
अब क्या सुने और क्या कहें .

नींद भी आती नहीं ,
अब क्या जागें और क्या सोयें ....


Saturday 20 August 2011

34. तुमसे बिछुड़े हुए

           तुमसे बिछुड़े हुए दो दिन हुए नहीं ,
ऐसा लगता है जैसे वर्षों बीत गए .


दोनों हारे हैं प्यार के इस खेल में ,
और बेकार का घमंड  है कि जीत गए .


जिन्दगी -भर साथ रहने के 
इरादों को छोड़ दिया .


कभी न रूठने के वादों को ,
पल में ही तोड़ दिया .


ऊपर से खुश दिखाई देते हैं तो क्या ,
अंदर से पूरी तरह टूट चुके हैं .


तूने ऐसा इल्जाम लगाया है दोस्ती के नाम पर  ,
उम्र-भर के लिए रूठ चुके हैं .


अब उन पलों को याद करके जी लेंगे ,
जो तेरे प्यार में बीत गए .


तुमसे  बिछुड़े हुए दो दिन हुए नहीं  ,
ऐसा लगता है जैसे  वर्षों बीत गए .


हमने तो वादों को निभाने की सोची थी ,
हमारी आखरी सांस तक .


चंद दिनों का खेल समझकर ,
तुम वादों की डोरी खींच गए .


दोनों हारे हैं प्यार के इस खेल में ,
और बेकार का घमंड है कि जीत गए.


तुमसे बिछुड़े हुए दो दिन हुए नहीं ,
ऐसा लगता है जैसे वर्षों बीत गए ... 


33. कुछ यार


कुछ यार यारों के लिए बहुत खास होते हैं,
कुछ कोई खास अहमियत नहीं रखते ,
यारों की कमी में टाइम पास होते हैं.


कुछ करते हैं  दोस्ती हमसे  ,
खिलौना समझकर दिल बहलाने के लिए .


जब देते हैं धोखा उनको अपने ,
आते हैं पास हमारे टूटा दिल सहलाने के लिए .


हम जानते हैं ,वो आये हैं पास हमारे, 
अपना टाइम पास करने के लिए .


हम भी कभी नहीं कहते उनको ,
हमारी खातिर मरने के लिए .


हम जानते हैं कि वो हमारी बात को 
एक कान से सुनकर दूसरे से निकल देते हैं .


लेकिन हमारी आदत तो देखिये ,
हम उनसे भी दोस्ती का वहम पाल लेते हैं.


क्योंकि हमारा भी तो टाइम पास हो जाता है ,
जब वो हमारे पास होते हैं .


कुछ यार यारों के लिए बहुत खास होते हैं ,
कुछ कोई  खास अहमियत नहीं रखते ,
यारों की कमी में टाइम पास होते हैं ..

32.तुझसे धोखा खाने के बाद


हरपल बहने लगे हैं आँसूं इन आँखों से ,
तुझसे धोखा खाने के बाद .


तू भी रोएगी एक दिन जी भर के ,
तेरी दुनिया से दूर मेरे जाने के बाद .


मैं तो कहीं बहार जाकर ,
अपना अलग घर बसा लूँगा .


इस टूटे दिल को फिर से ,
किसी हमदर्द से लगा लूँगा .


पर तेरा तो यही घर रहेगा ,
तुझे ये भी दर रहेगा .


किस पर करें विश्वास दुनिया में,
तेरे घर से मेरे जाने के बाद .


हरपल बहने लगे हैं आँसूं इन आँखों से ,
तुझसे धोखा खाने के बाद .


कितनी भी कौशिश कर के देख लेना ,
मेरे जैसा यार नहीं मिलेगा .


तुझको तेरे जैसे धोखा देने वाले ,
लाखों मिल जायेंगे .
मगर दुनिया घूम के देख लेना ,
मुझ सा प्यार नहीं मिलेगा .


मेरा प्यार याद आएगा ,
खुद धोखा खाने के बाद .


तू भी रोएगी एक दिन ,
तेरे दिल से मेरे निकल जाने के बाद .


हरपल बहने लगे हैं आँसूं इन आँखों से ,
तुझ से धोखा खाने के बाद...