Saturday 20 August 2011

25. मौका नहीं मिलता


तुझसे अगर मुझको  ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .

ना बन पाता मैं  शायर कभी ,
मेरा टोटा नहीं निकलता .

तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको  मौका नहीं मिलता .

तू ना बताती अगर मुझको -
"मैं हूँ खोटा  सिक्का " ये पता नहीं चलता .

ना कमा पाता एक भी पैसा मेहनत का .
मेरे तन से आलस्य नहीं निकलता .

तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .

तू ना मिलती अगर मुझको ,
प्यार करने को मेरा दिल नहीं  मचलता .

औरत देती है धोखा हरदम ,
मेरा दिल ये फैंसला नहीं करता .

तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .

ना बदल पाता खुद को ,
तेरी खुदगर्जी को समझने का मौका नहीं मिलता ,

ना मिलता प्यार तेरा कभी ,
मेरे दिल में खुशियों का चमन नहीं खिलता .

तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता . 

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