तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .
ना बन पाता मैं शायर कभी ,
मेरा टोटा नहीं निकलता .
तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .
तू ना बताती अगर मुझको -
"मैं हूँ खोटा सिक्का " ये पता नहीं चलता .
ना कमा पाता एक भी पैसा मेहनत का .
मेरे तन से आलस्य नहीं निकलता .
तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .
तू ना मिलती अगर मुझको ,
प्यार करने को मेरा दिल नहीं मचलता .
औरत देती है धोखा हरदम ,
मेरा दिल ये फैंसला नहीं करता .
तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .
ना बदल पाता खुद को ,
तेरी खुदगर्जी को समझने का मौका नहीं मिलता ,
ना मिलता प्यार तेरा कभी ,
मेरे दिल में खुशियों का चमन नहीं खिलता .
तुझसे अगर मुझको ये धोखा नहीं मिलता ,
गजल लिखने का मुझको मौका नहीं मिलता .
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