Friday 19 August 2011

15. बेकरार हो गया



              आज रात ऐसी बरसात आई ,
कि दिल उससे मिलने को बेकरार हो गया .


कुछ इस तरह से किया इंतजार उसका ,
कि इंतजार करते- करते सो गया .


वो कितनी हसीं रात थी ,
जब हम पहली बार मिले थे .


आसमान में तारे हंस रहे थे ,
जमीं पर हमारे दिल खिले थे .


याद आई नहीं उसकी,
 कि यादों में खो गया .


आज रात ऐसी बरसात आई ,
कि दिल उससे मिलने को बेक़रार हो गया .


आज भी प्यार हमारा उतना ही गहरा है ,
ये अलग बात है कि हमारे प्यार पे पहरा है .


जिन्दगी भर सलामत रहेगा ,
प्यार हमारा .
लोगों कि नज़रों में चाहे 
कभी का ख़त्म हो गया .


आज रात ऐसी बरसात आई ,
कि दिल उससे मिलने को बेक़रार हो गया ....

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