"प्यार करती हूँ तुझे"- ये कह देती झूठा ही सही ,
दिल मेरा अपने पास रख लेती टूटा ही सही .
कभी इतने गहरे दोस्त थे ,
ये ही याद कर लिया होता .
मुझे बदनामी का दाग नहीं लगाना था ,
और चाहे कुछ भी कह लिया होता .
ये मानता हूँ कि अब तुझे
मेरी जरुरत नहीं .
"प्यार करती हूँ तुझे "- ये कह देती झूठा ही सही ,
दिल मेरा अपने पास रख लेती टूटा ही सही .
मुझे तेरी आँखों में हरपल ,
मेरी ही चाहत दिखाई देती थी .
मेरे ना होने पर भी तुझे,
मेरे क़दमों की आहट सुनाई देती थी .
अब उन दिनों की यादों के सिवा ,
मेरे पास कुछ भी नहीं .
"प्यार करती हूँ तुझे "-ये कह देती झूठा ही सही ,
दिल मेरा अपने पास रख लेती टूटा ही सही .
मैं चाहता था कि ता- उम्र तुझसे प्यार करूँ ,
मगर अब इरादा बदल दिया है .
तेरी नफरत को भी प्यार में मजाक समझा ,
मगर तुने मेरे प्यार का क़त्ल किया है .
कभी बसती थी दिल में मेरे ,
मगर अब तेरी छाया भी मेरे पास नहीं ,
"प्यार करती हूँ तुझे "-ये कह देती झूठा ही सही ,
दिल मेरा अपने पास रख लेती टूटा ही सही ....
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