Friday 19 August 2011

11. इसीलिए हो गया हूँ थोडा बदनाम

              तुझे देखकर ही करता हूँ हर काम ,
इसीलिए हो गया हूँ थोडा बदनाम .


रात को सपनों में आती हो ,
दिन को ख्वाब दिखाकर सताती हो .
तेरी ही याद में खोया रहता हूँ सुबह-शाम ,
इसीलिए हो गया हूँ थोडा बदनाम .


सामने से आने वाली हर लड़की में ,
तेरी सूरत नज़र आती है .
मुझे ये भी मालूम है कि तू भी ,
मेरे प्यार में इतनी पागल है 
कि जब मुझे याद करती है ,
तो खुद को भी भूल जाती है .
मुझे नहीं मालूम मगर ,
अक्सर लोग कहते हैं  ,
मैं सपनों में भी लेता हूँ तेरा नाम ,
इसीलिए हो गया हूँ थोडा बदनाम .


तुम मेरे दिल में रहती हो,
दिल ही दिल में अपना कहती हो .
क्या हैं मजबूरियां बता क्यों नहीं देती ,
जो जुदाई को इतनी आसानी से सहती हो .
खुद को कहती हो सीता ,
मुझे मानती हो अपना राम .
इसीलिए तुम भी हो गई हो थोड़ी बदनाम.....

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