Friday 19 August 2011

9. बेवफाई

                  तेरे कारण हुए हैं तन्हा जब से,
खुशियों में जीना छोड़ दिया .


होठों से लगा लिया बोतल को ,
पेग से पीना छोड़ दिया .


कितनी मुश्किल से हम मिले थे  ,
तुने दिल को खिलौना समझकर तोड़ दिया ,


अब जाके दिल में खुशियों के फूल खिले थे ,
कितनी आसानी से तुने साथ छोड़ दिया .


तेरे कारण हुए हैं तन्हा जब से ,
खुशियों में जीना छोड़ दिया ,


होठों से लगा लिया बोतल को ,
पेग से पीना छोड़ दिया .


क्या इतने दिन का ही था साथ हमारा ,
जो तुने अभी से मुंह मोड़ लिया .


गम का तोहफा थमा दिया हमें ,
खुशियों का गुलदस्ता फोड़ दिया .


तेरे कारण हुए हैं तन्हा जब से,
खुशियों में जीना छोड़ दिया .


होठों से लगा लिया बोतल को ,
पेग से पीना छोड़ दिया .


अब कभी नहीं तुझे याद करेंगे ,
खुदा से बस यही फरियाद करेंगे .


तुझ से पहले न कभी किसी से ,
दिल्लगी की थी ,
न ये काम तेरे बाद करेंगे .


होठों से लगा लिया बोतल को ,
पेग से पीना छोड़ दिया .


तेरे कारण हुए हैं तन्हा जब से ,
खुशियों में जीना छोड़ दिया ....

No comments:

Post a Comment