मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी
मैं कुंवारा था .
तुझे देखा तो तुझ से
शादी करने की उम्मीद जागी.
तोड़कर अरमान सारे दिल के ,
तू फिर से कुंवारा कर गई .
मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं आवारा था .
तेरा साथ पाकर सुधारना चाहा ,
ना बना सकी आच्छा इन्सान ,
मुझे छोड़कर अकेला ,
तू फिर से आवारा कर गई .
तुझ से पहले भी यों तो
मैं कईयों से मिला था ,
मगर किसी को पाने को ,
दिल यों ना मचला था .
तुझ से ही जिन्दगी -भर के
सहारे की आस की थी .
पर ना जाने तू मेरी
किस बात से डर गई .
मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं बेसहारा था .
तू आई, मेरे दिल में प्यार की बहार लाई.
फिर एक पल में ही सब कुछ छीना ,
और फिर से बेसहारा कर गई .
अब मेरी जिन्दगी में ,
किसी और के आने आस नहीं है .
एक तू ही आई थी ,
मेरे दिल पे छाई थी .
तुझ से धोखा खाने के बाद ,
किसी पे विश्वास नहीं है .
किसी और को पाकर ,
तू तो गुजरा कर गई .
मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं कुंवारा था .
तू आई ना जाने क्यों घबराई ,
फिर से कुंवारा कर गई .........
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