Friday 19 August 2011

17. तू फिर से कुंवारा कर गई


मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी
 मैं कुंवारा था .

तुझे देखा तो तुझ से 
शादी करने की उम्मीद जागी.
तोड़कर  अरमान सारे दिल के  ,
तू फिर से कुंवारा कर गई .

मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं आवारा था .

तेरा साथ पाकर सुधारना चाहा ,
ना बना सकी आच्छा इन्सान ,
मुझे छोड़कर अकेला ,
तू फिर से आवारा कर गई .

तुझ से पहले भी यों तो
 मैं कईयों से मिला था ,
मगर किसी को पाने को ,
दिल यों ना मचला था .

तुझ से ही जिन्दगी -भर के 
सहारे की आस की थी .
पर ना जाने तू मेरी 
किस बात से डर गई .

मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं बेसहारा था .

तू आई, मेरे दिल में प्यार की बहार लाई.
फिर एक पल में ही सब कुछ छीना ,
और फिर से बेसहारा कर गई .

अब मेरी जिन्दगी में ,
किसी और के आने आस नहीं है .
एक तू ही आई थी ,
मेरे दिल पे छाई थी .
तुझ से धोखा खाने के बाद ,
किसी पे विश्वास नहीं है .

किसी और को पाकर ,
तू तो गुजरा कर गई .

मेरी जिन्दगी में तेरे आने से पहले भी ,
मैं कुंवारा था .

तू आई ना जाने क्यों घबराई ,
फिर से कुंवारा कर गई .........


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