ओ सुन मेरी बात को ,
कि तू कल रात को .
मेरी बांहों में आकर सो गई ,
तन -मन से मेरी हो गई .
मेरे मन को बहलाया ,
थोड़ा दिल को समझाया .
कल फिर आउंगी ,
वादा आज निभाया .
ये कह के गुम वो हो गई ,
सपनों में मेरी हो गई .
ओ सुन मेरी बात को ,
कि तू कल रात को .
मेरी बांहों में आकर सो गई ,
तन-मन से मेरी हो गई .
ना सोच पुण्य-पाप को ,
कि तू अपने-आपको .
मेरे हवाले कर दे ना ,
झोली मेरी भर दे ना.
सपने को सच तू कर दे ना ,
मुझको इतना मोह गई .
ओ सुन मेरी बात को ,
कि तू कल रात को .
मेरी बांहों में आकर सो गई ,
तन-मन से मेरी हो गई.
तुझसे प्रीत लगनी है ,
बाकी दुनिया बेगानी है .
ना कोई बात समझानी है ,
इतनी तो तू भी सयानी है .
अब किस- किस को बताऊँ
तू दिलो-जान से मेरी हो गई .
ओ सुन मेरी बात को ,
कि तू कल रात को .
मेरी बांहों में आकर सो गई ,
तन-मन से मेरी हो गई ...