Saturday 10 September 2011

192. ज़माने ने मजबूर कर दिया


हम निभा ना सके वादा,
ज़माने ने मजबूर कर दिया .


हमारे प्यार को किसी की नज़र लग गई,
 जो जालिमों ने हमें दूर कर दिया.


कुछ मतलबी तत्वों ने ,
अपना मतलब निकाला है .


अपना पेट भरने के लिए ,
औरों का छिना निवाला है .


अपना मतलब निकालने को ,
औरों का सपना चूर कर दिया.


हम निभा ना सके वादा ,
ज़माने ने मजबूर कर दिया.


मुझसे दूर रहकर ,
ना तुझको चैन मिल पाया है.


मैं भी कहाँ खुश हूँ,
तेरी जुदाई ने बहुत तडफाया है.


देखते ही चेहरा तेरा,
तीर नज़रों के चल जाते हैं.


देखकर तुम्हे पास मेरे ,
दिल दुश्मनों के जल जाते हैं.


तेरे दर्शनों से खिल जाती थी जो ,
उन आँखों को आंसूओं से भर दिया.


हम निभा ना सके वादा ,
ज़माने ने मजबूर कर दिया.


शायद तुम भी भूल गई अपना वादा ,
जो हमें दिल से दूर कर दिया .


क्या तुमको भी जालिमों ने ,
ना मिलने को मजबूर कर दिया .


हम निभा ना सके वादा ,
ज़माने ने मजबूर कर दिया.

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