ऐसा कुछ काम करो जी,
मुफ़्त में ना बदनाम करो जी.
मज़े जिस्म के चाहे जितने भी ले लो,
ना दूर-दूर से ही राम-राम करो जी.
कोई सुन लेगा चुपके से ,
ना जोर-जोर से यूं नाम लो जी.
पाकर मौका कहीं एकांत में,
बाँहों में मुझे थाम लो जी.
दूर से कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
नजदीक आने ना डरो जी.
ऐसा कुछ काम करो जी,
मुफ़्त में ना बदनाम करो जी.
मज़े जिस्म के चाहे जितने भी ले लो,
ना दूर-दूर से ही राम-राम करो जी.
मारी जाएगी एक शरीफ लड़की,
प्यार-व्यार के चक्कर में.
मत दो गाली प्यार की,मुझे तो मरना है,
सीने से सीने की टक्कर में.
लगी है आग बदन में ,
बुझाकर मुझे सलाम करो जी.
ऐसा कुछ काम करो जी,
मुफ़्त में ना बदनाम करो जी.
ना तीर चलाओ नज़रों के,
दिल को यूं घायल करने को.
हम तो कब से तैयार बैठे हैं,
तेरे आगोश में आकर मरने को.
अपने प्यार के किस्से,
ना यूं आम करो जी.
ऐसा कुछ काम करो जी,
मुफ़्त में ना बदनाम करो जी.
मज़े जिस्म के चाहे जितने भी ले लो,
ना दूर-दूर से ही राम-राम करो जी....
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