Saturday 3 September 2011

110. बिन तेरे ना लेंगे हम फेरे


बिन तेरे ना लेंगे हम फेरे,
तू कहे तो शाम को,तू कहे तो सवेरे.


तू जो कहे तो मैं अभी तेरा दामन थाम लूं,
तू जो ना कहे तो,कभी ना तेरा नाम लूं.


तू हाँ कहे तो शादी करें,
तेरी ना से रह लेंगे कुंवारे.


बिन तेरे ना लेंगे हम फेरे,
तू जो कहे तो शाम को,तू जो कहे तो सवेरे.


तू जो कहे तो,बारात लेकर अभी आ जाऊं,
तू जो ना कहे तो कहीं भी बात ना चलाऊं.


बिन तेरे शादी के सपने ,
रह जायेंगे अधूरे.


बिन तेरे ना लेंगे हम फेरे,
तू जो कहे तो शाम को,तू जो कहे तो सवेरे.


तू है हुस्न की मूरत,लगती है खूबसूरत ,
मैं हूँ तेरा आशिक,मुझे है तेरी जरुरत.


मुझे तो प्यार करे या इंकार करे ,
अब तो खड़े हैं दर पे तेरे.


बिन तेरे ना लेंगे हम फेरे,
तू जो कहे तो शाम को,तू जो कहे तो सवेरे.


साथ तेरा पाकर तुझसे प्यार करूँ,
या तुझसे जुदा होकर तन्हाई में मरुँ.


क्या करूँ क्या ना करूँ,
अब तो समझ में ना आये मेरे.


बिन तेर ना लेंगे हम फेरे,
तू जो कहे तो शाम को,तू जो कहे तो सवेरे..




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