Sunday 4 September 2011

136. मुस्करा देना कितना आसान होता है.


किसी के दिल में कितना दर्द छिपा होता है,
ये जानने को उसके दिल में झांकिए तो सही.
खुदबखुद जान जायेंगे.
किसी पर मुस्करा देना कितना आसान होता है.


ज़माने-भर के गम लिए रहता है सीने में,
और कभी मुंह से आह तक नहीं करता.
दूसरों की ख़ुशी के लिए ढोता है बोझ जिन्दगी का,
वो आदमी कितना महान होता है.


खुदा आसमान से उतरकर नहीं आता कभी,
दुःख की घड़ी में साथ देता है जो ,
वो इंसान ही तो भगवान होता है.


किसी की जान बचाकर तो देखिये कभी,
कितना सुकून मिलेगा तुझे उस पल.
किसी को मार डालना तो बहुत आसान होता है.


किसी की ख़ुशी में शामिल होना तो, 
सभी को कितना अच्छा लगता है.
मगर किसी के दुःख में रोना ,
सभी को गंवारा नहीं होता.


ख़ुशी का हर पल सभी साथ जीना चाहते हैं,
लेकिन दुःख में सबका साथ भी कोई सहारा नहीं देता.
साथ में सब दिखाई देते हैं,
ऊपर से अपना कह देना बहुत आसान होता है.


दूसरों के दुःख को समझकर तो देखिये,
किसी पर मुस्करा देना कितना आसान होता है.


किसी के दिल में कितना दर्द छिपा होता है,
ये जानने को उसके दिल में झांकिए तो सही.
खुदबखुद जान जायेंगे,
किसी पर मुस्करा देना कितना आसान होता है...





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