जिसने बनाया जग को ,
वही जाने जग की रीत.
दुनिया यूं ही गाती रहेगी,
कब तक उसके गीत.
कैसा है वो नटवर,
ना भेद किसी ने पाया है.
वो शक्ति एक है नाम अनेक,
सबने यही समझाया है.
ना कोई भाई-बंधु,ना कोई मात-पिता,
ना ही कोई उसका मीत.
दुनिया यूं ही गाती रहेगी,
कब तक उसके गीत.
वही है बनाने वाला,
वही है मिटाने वाला.
वही है हँसाने वाला,
वही है रुलाने वाला.
सब कुछ हाथ में है उसके,
अजब-निराली है उसकी रीत.
दुनिया यूं ही गाती रहेगी,
कब तक उसके गीत.
हर चीज में है उसका वास,
तुम कर लो मेरा विश्वास.
मानवता की सेवा करके,
तुम कर लो ये आभास.
मानवता से परे कुछ नहीं है,
ना कोई मानव का मीत.
दुनिया यूं ही गाती रहेगी,
कब तक उसके गीत.
ना मंदिर में है वो,ना मस्जिद में.
ना गिरजाघर में,ना गुरूद्वारे में,
घट-घट में है वास उसका,
रहता है वो दिल तुम्हारे में.
मन को जीत सको तो जीत लो,
फिर होगी तुम्हारी ही जीत.
दुनिया यूं ही गाती रहेगी,
कब तक उसके गीत.
जिसने बनाया जग को ,
वही जाने जग की रीत....
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