उड़ गया गौरी आँचल तेरा ,
दिखै गौरा गात र।
गली के सारे छोरे इब ,
के - के लावै बात र।
मैं घर तै जब भी लिकडू ,
बैरण हवा चाल जावै स।
आँचल उड़ ज्या स मेरा ,
धूल सिर चढ़ जावै स।
इब तू ही बता दे बालम ,
क्या तै ढकूँ मैं गात र।
उड़ गया गौरी आँचल तेरा ,
दिखै गौरा गात र।
गली के सारे छोरे इब ,
के - के लावै बात र।
तड़के - साँझी गौरी जब ,
पानी भरण तू जावै स।
तेरी छम - छम बाजै पायल ,
जानू बागां में पीक कुकावै स।
गाम के सारे छोरे ,
कुएं पे देखै तेरी बाट र।
उड़ गया गौरी आँचल तेरा ,
दिखै गौरा गात र।
गली के सारे छोरे इब ,
के - के लावै बात र।
पानी बिना ना चालै पिया ,
किसी का काम र।
दोपहरी में पड़ै ,
घणा कसूता घाम र।
इन लंगवाड़ा नै यो ऐ काम स ,
पिया दिन - रात र।
उड़ गया गौरी आँचल तेरा ,
दिखै गौरा गात र।
गली के सारे छोरे इब ,
के - के लावै बात र।
घर तै ना लिकड़ा कर गौरी ,
भीतर बोर करवा दूँगा।
इतना प्यार करूँ तेरे तै ,
साथ लाग कै पानी भरवा दूँगा।
चाहे बन ज्या तू डीसी गौरी ,
या अबला स तेरी जात र।
उड़ गया गौरी आँचल तेरा ,
दिखै गौरा गात र।
गली के सारे छोरे इब,
के - के लावै बात र।