Saturday 10 September 2011

154. तेरे गम में ये आखिरी गीत गा रहा हूँ.


तेरे गम में ये आखिरी गीत गा रहा हूँ,
तुमने मुझे छोड़ दिया,मैं दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ.


अब मरकर भी जाये तो कहाँ जाएँ.
जीने की आस पे तूने पानी फेर दिया.


आकाश  की ऊँचाई छूना चाहते थे,
तूने गम के ढेर में गेर दिया.


तेरे गम के गड्ढे से नहीं निकल पा रहा हूँ.
तुमने मुझे छोड़ दिया,मैं दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ.


क्या मजबूरी थी तेरी,
मुझे किसके सहारे छोड़ गई,


सिर्फ तेरे लिए जीना ही जीने का लक्ष्य था,
तू ही मेरा दिल तोड़ गई.


कोई ठोर-ठिकाना ना रहा,दर-दर की ठोकर खा रहा हूँ.
तुमने मुझे छोड़ दिया,मैं दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ.


खुद से ज्यादा विश्वास था जिस पर ,
वही मुझे धोखा दे गई.


मुझ पर जान छिड़कती थी जो,
वही मेरी जान निकालकर ले गई.


तुम बिन तन का बोझ बेकार में क्यों उठा रहा हूँ,
तुमने मुझे छोड़ दिया ,मैं दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ.


तेरे संग रहकर पहली बार मैंने,
जिन्दगी को जीना सीखा था.


क्या यही तक ही मेरे नसीब में ,
तेरा साथ लिखा था.


अब तेरे बिना तन्हा ही ये नीरस जीवन क्यों जिए जा रहा हूँ.
तुमने मुझे छोड़ दिया,मैं दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ....





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