Saturday 10 September 2011

166. नज़र से नज़र मिलाते रहो


नज़र से नज़र मिलाते रहो,
धीरे-धीरे मुस्कराते रहो.


ऐसे ही प्यार हो जायेगा एक दिन,
दोस्त मुझे तुम अपना बताते रहो.


दिल में है जो जुबां पे यार ला तो सही,
राज अपने दिल के बतला तो सही.


जुबां साथ न दे अगर,
इशारों से मुझे समझाते रहो.


ऐसे ही प्यार हो जायेगा एक दिन,
दोस्त मुझे तुम अपना बताते रहो.


दिल का रिश्ता इत्र की खुशबू नहीं,
जो अगले ही पल उड़ जायेगा.


मरते दम तक ना टूट पायेगा,
साँसों संग जो जुड़ जायेगा.


पल-पल का साथ जोड़कर,
अपनी जिन्दगी का हिस्सा बनाते रहो.


ऐसे ही प्यार हो जायेगा एक दिन,
दोस्त मुझे तुम अपना बताते रहो.


ना जिस्म की चाहत है कोई,
बस प्यार की ही प्यास है.


नज़र पड़ती है आप पर तो खिल उठता है,
वरना दिल रहता बड़ा उदास है .


ये सोचने की बात नहीं ,कोई क्या कहेगा.
बस पास मुझे अपने बैठाते रहो.


ऐसे ही प्यार हो जायेगा एक दिन,
दोस्त मुझे तुम अपना बताते रहो.


नज़र से नज़र मिलाते रहो,
धीरे-धीरे मुस्कराते रहो...





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