मुझे देखकर उदास ,
आँखें नम हो जाती थी जिनकी कभी.
आज वो ही रोता हुआ छोड़कर ,
ख़ुशी से दूर चले जाते हैं.
मेरे कंधे पर सिर रखे बिना ,
नींद नहीं आती थी जिनको कभी,
आज वो ही मुंह फेरकर ,
गहरी नींद में सो जाते हैं.
मुझसे करते थे जो शिकायत,
प्यार कम नहीं करना कभी,
आज वो ही बिना वजह ,
गुस्से में लाल हो जाते हैं.
जिनका था अटूट विश्वास ,
मेरे प्यार पर कभी.
विश्वास की डोर को ,
आज वो ही तोड़कर चले जाते हैं.
बाँहों में भरकर,
प्यार से चूमते थे जिनको कभी.
मुंह को चिढ़ाकर ,
आज वो दिल को जला जाते हैं.
खुद ना बदलने की,
कसम खाते थे जो कभी.
आज वो ही पल-पल में,
अपना रंग बदल जाते हैं...
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