Saturday 10 September 2011

171. मुझको यूं लगता है.


चेहरा तेरा  देख के,
मुझको यूं लगता है.


रूठी-रूठी रहती हो,
दिल तेरा कहीं नहीं लगता है.


मेरी आँखों में देखो तो,
तुझ से आँखें  मैं चार करूँ .


बाँहों में आओ जरा,
जी भर के तुझे प्यार करूँ.


झांक कर देखों तो,
तेरे दिल में कौन रहता है.


चेहरा तेरा देख के ,
मुझको यूं लगता है.


रूठी-रूठी रहती हो,
दिल तेरा कहीं नहीं लगता है.


प्यार की लगी भूख है तो,
प्यार-भरी मुलाक़ात करो.


दिल का बोझ हल्का हो जाये,
दिल से जुडी बात करो.


काबिल हूँ मैं तेरे प्यार के,
क्या तुझको ऐसा लगता है.


चेहरा तेरा देख के,
मुझको यूं लगता है.


रूठी-रूठी रहती हो ,
दिल तेरा कहीं नहीं लगता है.


लेकर तेरे हाथ में मेरा हाथ,
क्या है तेरा इरादा कहो.


जिन्दगी-भर ना तोड़ोगी,
दोस्ती, ये वादा करो.


तुझे अपना बना लूं ,
ये सोचकर ही  दिल नचता है,


चेहरा तेरा देख के,
मुझको यूं लगता है.


रूठी-रूठी रहती हो,
दिल तेरा कहीं नहीं लगता है...




No comments:

Post a Comment