Sunday 4 September 2011

138. कल भी तुम मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


तुम ही मेरे हम दम  तुम ही मेरे हम राज हो,
कल भी तुम मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


वर्षों से है चाहा तुझको,
पल-पल तेरा इंतजार किया.


तुम्हें ही है माना खुदा,
जान से ज्यादा प्यार किया.


तुम ही मेरे मीत हो मेरे हर रिवाज हो,
कल भी तुम मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


पढता हूँ जब  भी बैठकर एकांत में,
तस्वीर बन आँखों में समा जाते हो.


लिखने बैठूं दो बोल प्यार के ,
पकड़ हाथ मेरा खुद लिख जाते हो.


तुम ही मेरे गीत हो,तुम ही मेरे साज़ हो,
कल भी तुम मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


नसीब बनकर मेरा जिन्दगी संवार डाली.
ज़माने-भर की खुशियाँ ,
इस गरीब की झोली में ला डाली.


तुम ने सब कुछ दिया मुझे दिल खोल के,
मैं कुछ ना दे सका सिवा प्यार भरे दो बोल के.


तुम ही मेरी जान हो,धडकते दिल की आवाज़ हो,
कल भी मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


तुम ही मेरे हमदम तुम ही मेरे हम राज हो,
कल भी तुम मेरे थे मेरे ही तुम आज हो.


और किसी से मुझे अब क्या लेना,
तुम मिल गए सब कुछ मिल गया.


तुम्हारे सिवा किस और पर ,
ना मेरा मन ना मेरा दिल गया.


तुम ही मेरे लाल किले तुम ही मेरे ताज हो.
कल भी मेरे थे,मेरे ही तुम आज हो......





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