Saturday 10 September 2011

164. ओ! जीवन देने वाले.

ले ले अपने इस जीवन को,
 ओ! जीवन देने वाले.


छोड़ गए तन्हा हमको,
दिलो-जान से चाहने वाले.


ले ले अपने इस जीवन को ,
ओ! जीवन देने वाले.


देखते ही हमको जो ,
फूलों की तरह खिला करते थे.


काँटों की तरह चुभते हैं उनको,
जिनको बाँहों में भरकर मिला करते थे.


रोना आता है देखकर हमें उनको,
भूल गए हमें देख खुश होने वाले.


ले ले अपने  इस जीवन को ,
ओ! जीवन देने वाले.


क्यों ये संसार बनाया है तूने,
क्यों दिलों में प्यार जगाया है तूने.


क्यों किसी को दोष दें,
ये मतलब का व्यवहार बनाया  है तूने.


मेरी कब्र पर भी न आयेंगे,
कांटा चुभने पर भी आंसू बहाने वाले.


ले ले अपने इस जीवन को,
ओ! जीवन देने वाले.


तन  से तो जिन्दा हूँ,
मन से मगर मर गया.


क्या करूँगा जीकर अब,
मेरा यार जो मुझसे जुदा हो गया.


मेरी नैया अब डूब गई है,
ओ! नैया को खेने वाले.


ले ले अपने इस जीवन को ,
ओ!जीवन को देने वाले...





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