Sunday 21 August 2011

36. कोई तो ऐसी रैन आये


कोई तो ऐसी रैन आये ,
दिल को मेरे चैन आये .


मिल सकूं दिल खोलकर ,
हुस्न तेरा आँखों में समां जाये .


तुम ना रहो,मैं मैं ना रहूँ .
एक दूजे में इतने खो जाएँ .


नशा ऐसा छ जाये हम पर ,
बेहोशी के आलम में सो जाएँ .


कोई न ऐसा दिन आये ,
हम अपने को अकेला पायें .


जब तक है जान इस सीने में ,
साथ साथ रहकर दिखाएँ.


मौत भी आये गर कभी ,
खुद  को तेरी बाँहों में पायें .


प्यार में जी कर दिखाना है ,
चाहे एक पल में मर जाएँ .


बस यहीं तमन्ना है दिल में ,
तेरे प्यार में अमर हो जाएँ .


कोई तो ऐसी रैन आये ,
दिल को मेरे चैन आये .


मिल सकूं दिल खोलकर ,
हुस्न तेरा आँखों में समा जाये...




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