तुझे पाने की चाहत लेकर ,कहीं पागल न हो जाऊं ,
इससे पहले कि खुद को मेरे हवाले कर दो .
ऐसा न हो कि तुझे खोकर तेरे गम में डूब जाऊं ,
पूरी करे ये इच्छा ,ढेरों खुशियाँ मेरे दिल में भर दो .
जब से मेरे सामने तेरा जिक्र हुआ है ,
तभी से मेरे जहाँ में तुझे पाने का फ़िक्र हुआ है .
तभी से ये इच्छा जागी है मेरे दिल में ,
तुम अपनी जिन्दगी में मुझे शामिल कर लो ,
तुझे पाने की चाहत लेकर कहीं पागल न हो जाऊं ,
इससे पहले की खुद को मेरे हवाले कर दो .
तुमसे मिलने की इच्छा तो पूरी हो गई ,
मगर जिन्दगी में अपनी तुझे ला न सके .
यों तो होती ही रहेंगी मुलाकाते अपनी ,
पर सदा के लिए तुझे अपना बना न सके .
खुद को देकर मेरा नाम सदा के लिए ,
इस गुमनाम की ये एक इच्छा तो पूरी कर दो .
तुझे पाने की चाहत लेकर कहीं पागल न हो जाऊं ,
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