Friday 12 August 2011

2. अधूरी चाहत


तुझे पाने  की   चाहत लेकर ,कहीं पागल न हो जाऊं ,
         इससे पहले कि खुद को मेरे हवाले कर दो .




ऐसा न हो कि तुझे खोकर तेरे गम में डूब जाऊं ,
पूरी करे ये इच्छा ,ढेरों खुशियाँ मेरे दिल में भर दो .
           


  जब से मेरे सामने तेरा जिक्र हुआ है ,
तभी से मेरे जहाँ में तुझे पाने का  फ़िक्र हुआ है .
      


   तभी से ये इच्छा जागी है मेरे दिल में ,
      तुम अपनी जिन्दगी में मुझे शामिल कर लो  ,




तुझे पाने की चाहत लेकर कहीं पागल न हो जाऊं ,
      इससे पहले की खुद को मेरे हवाले कर दो .




तुमसे मिलने की इच्छा तो पूरी हो गई ,
    मगर जिन्दगी में अपनी तुझे ला न सके .




यों तो होती ही रहेंगी मुलाकाते अपनी ,
 पर सदा के लिए तुझे अपना बना न सके .




खुद को देकर मेरा नाम सदा के लिए ,
इस गुमनाम की ये एक इच्छा तो पूरी कर दो .




तुझे पाने की चाहत लेकर कहीं पागल न हो जाऊं ,
     इससे पहले की खुद को मेरे हवाले कर दो ......





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