Friday 19 August 2011

14. नासमझ




हम तो समझते थे कि हम ही नासमझ हैं ,
लेकिन  आज पता चला कि कुछ लोग 
हम से भी  ज्यादा नासमझ हैं .


हम समझ न सके उनकी चालाकी को 
हम उनको शरीफ मानते रहे .
लेकिन आज पता चला कि 
ये खाली हमारा भ्रम है .


हमने उनपर किया था विश्वास ,
लेकिन वो करते थे हरदम बकवास .
हमने सोचा था कि 
विश्वास ही हमारा कर्म   है .
लेकिन आज पता चला कि 
लोग कितने बेशर्म हैं .


उसने हमारे विश्वास का खून किया है ,
फिर भी हमने कुछ नहीं कहा है .
हमने उसे छोड़ दिया ,माफ़ किया 
सोचा अभी बच्चा है ,अभी खून गर्म है ,
लेकिन आज पता चला कि ,
ये खाली हमारा भ्रम है .


हम तो समझते थे कि हम ही नासमझ हैं ,
लेकिन आज पता चला कि ,
कुछ लोग हमसे भी ज्यादा नासमझ हैं ...


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