तुम प्यार तो दे ना सकी ,मगर तन्हा कर दिया .
खुशियाँ छीन ली मेरी जिन्दगी -भर की .
इस दिल में गम ही गम भर दिया .
कभी सुनते थे गीत प्यार भरे,
प्यार भरे शेर लिखते थे .
कितनी ख़ुशी देते थे सबको ,
खुद भी कितना खुश दिखते थे .
तेरे प्यार में धोखा खाकर ,
गम भरे गानों से प्यार कर लिया .
तुम प्यार तो दे ना सकी, मगर तन्हा कर दिया .
उन प्यार भरे दिनों की याद को ,
ये गीत ताज़ा कर देते हैं .
लेकिन फिर याद आती है तेरी बेवफाई ,
और दिल में बदले की आग भर लेते हैं .
मेरे सच्चे प्यार ने जा तुझे माफ़ कर दिया ,
तुम प्यार तो दे ना सकी, मगर तन्हा कर दिया ..
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