Sunday 21 August 2011

40. मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया


जिसके होंठों पे था हरदम मेरा नाम,
उसने ऐसा  किया मुझे बदनाम ,
मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया .


हर रोज गम भरे गीत सुनकर ,
याद ताज़ा कर लेता हूँ ,उसकी बेवफाई की ,
प्यार की पींगों को अब आगे बढ़ाना छोड़ दिया .


दिल कुछ हल्का हो जाता है ये सोचकर ,
कोई तो मेरी बनकर जिन्दगी में आई थी ,
ये बात अलग है कि अब उसने साथ छोड़ दिया .


हमें भी गुमान कम न था ,अपने अहम् पर ,
इसीलिए सब कुछ किया था अपने दम पर ,
यही वजह है कि उसने मुह मोड़ लिया .


बिकने वाली चीज के लगाये जाते है दाम ,
उसका हुस्न अनमोल था मेरे लिए ,
उसके हुस्न का मोल लगाना छोड़ दिया .


जिसके होंठों पे था हरदम मेरा नाम ,
उसने ऐसा किया मुझे बदनाम ,
मैंने अँखियाँ मिलाना छोड़ दिया ...


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