कोई हमारी जान लेने के लिए जिन्दा है ,
कोई हमारे लिए मरने के लिए तैयार है .
कोई चाहता है जिन्दगी-भर की दुश्मनी निभाना ,
कोई मरकर भी कहेगा कि तुझसे ही प्यार है .
ये दुनिया बड़ी अजीब है ,
यहाँ कोई जानी दुश्मन है तो कोई यार है .
कोई हमारा चेहरा देखना भी पसंद नहीं करता ,
तो कोई हररोज मिलने को बेक़रार है .
लेकिन एक दिन ऐसा भी आएगा ,
दुश्मन को भी हमसे प्यार हो जायेगा .
फिर आएगी हमें उस यार कि याद ,
जो कभी वो हमसे कोसों दूर हो जायेगा.
ना आएगा फिर सामने कभी ,
बस याद उसका प्यार रह जायेगा.
हम कुछ ना कह पाएंगे उससे ,
सब कुछ वही कह जायेगा.
ना होगी कभी मुलाक़ात उससे,
वो अब सपना बनकर रह जायेगा.
कैसा अजीब दुनिया का ये व्यवहार है.
किसी से दुश्मनी तो किसी से प्यार है ,
किसी के लिए जन्नत है ये दुनिया ,
तो किसी के लिए बेकार है.
कोई चाहता है यहाँ बार-बार आना,
तो छुटकारे के अभी से तैयार है.
साथ किसी के कुछ नहीं जायेगा .
बस पीछे प्यार रह जायेगा.
दुश्मनी का वार ना जाने कहाँ जायेगा.
No comments:
Post a Comment