Friday 12 August 2011

3.ये दिल न रोता


प्यार में मुझे एक मौका तो दिया होता ,
इस तरह धोखा कहकर ये दिल न रोता .




क्यों किया था इतना प्यार दिल अगर तोडना ही था ,
क्यों बढाया था ये रिश्ता ,मुह अगर मोड़ना ही था .




साथ छोड़ने से पहले थोडा रुसवा होकर ,
जुदा होने का इशारा तो किया होता ,




प्यार में मुझे एक मौका तो दिया होता ,
इस तरह धोखा खाकर ये दिल न रोता .




मुझे यकीं नहीं था तुम इस तरह साथ छोड़ दोगी ,
गम के सागर में मेरी गाड़ी मोड़ दोगी .




तेरे प्यार के सहारे मेरे जीवन की गाड़ी दौड़ रही थी ,
सोचने का कभी अवसर भी न मिला की कब क्या होगा .




यों धोखे से मारने से पहले खंजर तो दिखा दिया होता ,
प्यार में मुझे एक मौका तो दिया होता ,




अगर मालूम होता प्यार खुद एक धोखा है ,
इस धोखे की पुडिया को कभी न खाता .




प्यार में मुझे एक मौका तो दिया होता ,
इस  तरह धोखा खाकर ये दिल न रोता .



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