Friday 19 August 2011

16. मेरा दिल अब भी नहीं मानता है


तुम किसी और की हो गई हो ,
ये सारा जमाना जानता है .

मुझे छोड़ के किसी और की बनोगी ,
मेरा दिल अब भी नहीं मानता है .

न जाने किस कद्र  तेरे प्यार का भूत  ,
मेरे दिल पे सवार हुआ है .
हर चेहरे में तेरा चेहरा नज़र आता है .

कोई घंटों आँखों के सामने बैठा रहे ,
'मैं वो हूँ ' बार -बार ये कहता रहे .
फिर भी उसको पहचान नहीं पाता है  .

तुम मेरी जिन्दगी में एक पल के लिए ,
जीवन-साथी का सपना सजों गई .

फिर एक रोज दूर से हुई मुलाक़ात ,
एक बार ना कह के गम का बीज बो गई .

मेरे दिल ने एक पल में ही तुझे इतना चाहा कि 
तुझे बिन देखे ही पहचानता है .

कोई और रहेगा मेरे इस दिल में आकर कभी ,
तेरे सिवा किसी को इस कद्र नहीं मानता है .

तुम किसी और की हो गई ,
ये सारा जमाना जानता है .

मुझे छोड़ के किसी और की बनोगी ,
मेरा दिल अब भी नहीं मानता है .....

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