तुम किसी और की हो गई हो ,
ये सारा जमाना जानता है .
मुझे छोड़ के किसी और की बनोगी ,
मेरा दिल अब भी नहीं मानता है .
न जाने किस कद्र तेरे प्यार का भूत ,
मेरे दिल पे सवार हुआ है .
हर चेहरे में तेरा चेहरा नज़र आता है .
कोई घंटों आँखों के सामने बैठा रहे ,
'मैं वो हूँ ' बार -बार ये कहता रहे .
फिर भी उसको पहचान नहीं पाता है .
तुम मेरी जिन्दगी में एक पल के लिए ,
जीवन-साथी का सपना सजों गई .
फिर एक रोज दूर से हुई मुलाक़ात ,
एक बार ना कह के गम का बीज बो गई .
मेरे दिल ने एक पल में ही तुझे इतना चाहा कि
तुझे बिन देखे ही पहचानता है .
कोई और रहेगा मेरे इस दिल में आकर कभी ,
तेरे सिवा किसी को इस कद्र नहीं मानता है .
तुम किसी और की हो गई ,
ये सारा जमाना जानता है .
मुझे छोड़ के किसी और की बनोगी ,
मेरा दिल अब भी नहीं मानता है .....
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