Thursday, 1 September 2011

72. तेरे पास हुस्न की तलवार है


तेरे पास हुस्न की तलवार है तो,
मेरा दिल भी मरने को तैयार है.


तुझे मालूम हो ना हो,
मेरे दिल पर तेरे हुस्न का भूत सवार है.


तुझे देखते ही तुझे पाने की चाहत,
मेरे दिल में जगी है.


तुम चाहे तो बुझा दो ,
बड़े जोरों की प्यास लगी है.


तुम कुछ कर सको तो मेरा इलाज करो,
मेरा दिल तेरे प्यार में बीमार है.


तेरे पास हुस्न की तलवार है तो ,
मेरा दिल भी मरने को तैयार है.


मेरी आँखों में तेरा ही नशा है,
तेरा हुस्न मेरे दिल में बसा है.


बेहिचक कह दे गर मुझसे प्यार है,
क्या तेरा दिल भी मिलने को बेकरार है.


दुनिया से क्या डरना,
खुल के कह दे कि तू मेरा यार है.


तेरे पास हुस्न कि तलवार है तो,
मेरा दिल भी मरने को तैयार है.


कब तक छुपा के रखोगी,
इसे कपड़ों के कैदखाने में.


जालिम-जमाना बिकवा ना दे,
इसे दो-चार आने में.


समय रहते सौंप दे इसे,
जिसका इस पे अधिकार है.


तुझे मालूम हो न हो,
मेरे दिल पर तेरे हुस्न को भूत सवार है...




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