Thursday, 1 September 2011

68.हम तुमसे फिर भी मोहब्बत करेंगे


तुम चाहे ठुकरा दो हज़ार बार,
हम तुमसे फिर भी मोहब्बत करेंगे.


प्यार में कभी किसी की मदद भी करेंगे,
तेरी ही बदौलत करेंगे.


ये जीवन हमने तेरे नाम कर दिया,
तू चाहे इसका तेल कढ़ा ले.


या किसी देवी को प्रसन्न करने के लिए,
तू इसकी बलि चढ़ा दे.


हम जीते जी तेरे कहलाते हैं,
मरकर भी तेरे ही रहेंगे.


तुम चाहे ठुकरा दो हज़ार बार,
हम तुमसे फिर भी मोहब्बत करेंगे.


हम उन वादों को निभाएंगे,
जो पहली मुलाक़ात में किये थे.


उन वचनों को कैसे तोड़ दें ,
जो तुमसे बात-बात में किये थे.


तुमसे बेवफाई का जहर पीकर भी,
वफ़ा के नाम पर तेरी ही इबादत करेंगे.


तुम चाहे ठुकरा दो हज़ार बार,
हम तुमसे फिर भी मोहब्बत करेंगे.


चाह था तुमको ही हमने,
इस जिन्दगी में अब किसी को भी ना चाहेंगे.


प्यार का जो सिला तुमने दिया है,
मरकर भी तुम्हें भुला ना पाएंगे.


अब तो मोहब्बत का नाम,
दूसरों के मुंह से सुनकर भी डरेंगे.


तुम चाहे ठुकरा दो हज़ार बार,
हम तुमसे फिर भी मोहब्बत करेंगे..

No comments:

Post a Comment