काश! वो मिल जाये मुझे,
घंटे-भर कॉलेज परिसर में.
बातों ही बातों में ले आऊं,
उसे मैं अपने घर में.
घंटे-भर में तो मैं उसके,
सारे विचार बदल डालूं.
उसको मालूम भी नहीं पड़ेगा,
कब चुपके से गाल खा लूं.
पागल कर दूं उसको,
मैं अपने प्यार में.
काश! वो मिल जाये मुझे,
घंटे-भर कॉलेज परिसर में.
ऐसे विचार भर दूं दिल में,
दुबारा मिलने को तड़फ उठे.
पल में प्यार इतना दे जाये,
कि मुझमे खो जाये बैठे-बैठे.
जिन्दगी-भर के लिए अपना हाथ
थमा बैठे वो मेरे कर में.
काश!वो मिल जाये मुझे,
घंटे-भर कॉलेज परिसर में.
अपनी तमाम खुशियाँ,
मैं उसके नाम कर दूं.
जो कुछ है पास मेरे ,
सारा उसकी झोली में भर दूं.
बस एक तमन्ना है मेरी,
वो बहु बन के आ जाये मेरे घर में,
काश!वो मिल जाये मुझे,
घंटे-भर कॉलेज परिसर में.
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