Thursday, 1 September 2011

63. क्यों की बेवफाई


सालों तक प्यार किया,
फिर अचानक क्यों की बेवफाई.


उसका दिल भर गया,या कुछ खता हमसे हुई,
बात कुछ समझ में नहीं आई.


यूं तो ना जाने कितनी ही बार ,
छोट-सी बात पर ही रूठ जाते थे.


फिर कुछ दिन बेकरार रहने के बाद,
बांहों में भरकर प्यार करने में जुट जाते थे.


पहले तो कितनी ही बार,
उसने मुझको ,मैंने वो थी मनाई .


सालों तक प्यार किया,
फिर अचानक क्यों की बेवफाई.


मैं भली-भांति जनता हूँ,
वो अब भी मुझे दिल से चाहती है.


बेशक भुलाना चाहती हो ,
मगर चाहकर भी भुला नहीं पाती है.


कितना सच्चा था प्यार हमारा,
ये बात वो मुझसे दूर होकर जान पाई.


सालों तक प्यार किया,
फिर अचानक क्यों की बेवफाई.


उसे कोई और मिल गया था,
या किसी के बहकावे में आ गई .


मुझसे दूर जाना मजबूरी थी,
या दिल तोड़ने की कसम थी खाई.


उसे क्या हो गया था,
बात कुछ समझ में नहीं आई.


सालों तक प्यार किया,
फिर अचानक क्यों की बेवफाई...



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