जब कोई दर्द-ए- दिल बतलाता है ,
तो लगता है मेरा अपना हाल सुनाता है .
सुनकर दास्ताँ दर्द-ए-दिल की,
जवानी का वो दौर याद आ जाता है .
वो हमसे कितना प्यार करते हैं ,
जो हमारी खातिर हर जुल्म सहते हैं .
हमसे जुदा करने को उनका गला काटा जाये ,
तो भी दर्द सहते हैं,मगर कुछ नहीं कहते हैं .
हमारा प्यार पाने की खातिर ,
उनको हर दर्द में चैन आता है .
जब कोई दर्द-ए-दिल बतलाता है ,
तो लगता है मेरा अपना हाल सुनाता है .
वो जानते हैं कि मुझ संग बिताये प्यार के
पलों की याद में जिन्दगी कट जाएगी .
जब भी कठिन घडी आएगी ,तेरे प्यार की याद में
सारी मुसीबत छंट जाएगी .
जब-जब भी कोई दर्द मिलता है .
तेरे प्यार को याद करने से टल जाता है .
जब कोई दर्द-ए-दिल बतलाता है ,
तो लगता है मेरा अपना हाल सुनाता है .
सुनकर दास्ताँ दर्द-ए-दिल की ,
जवानी का वो दौर याद आ जाता है .
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