Thursday, 1 September 2011

55. बस तेरी यादों में


दिल तन्हा है कोई मेरे पास नहीं ,
बस तेरी यादों में खोया रहता हूँ .


तेरी याद इतना बेचैन कर देती है ,
रात-भर नींद नहीं आती ,
बस यों ही सोया रहता हूँ .


जब तेरी याद में बहते हैं आँसूं,
बिस्तर  भी नम हो जाता है .


हल्का हो जाता है बोझ दिल का ,
तेरी जुदाई का दर्द कुछ कम हो जाता है .


जोर कुछ भी चलता नहीं किसी पर ,
तन्हा ही तेरे दर्द को सहता हूँ .


दिल तन्हा है कोई मेरे पास नहीं ,
 बस तेरी यादों में खोया रहता हूँ .


आँखों की नींद गई दिल का चैन गया ,
भूख भी बंद हो गई ,खाना खाना भी भूल गया .


वो दर्पण देखना ,वो कंघी करना तो दूर ,
तेरी याद में नहाना  भी भूल गया .


तेरी तस्वीर रहती है आँखों के सामने ,
बस उसी में खोया रहता हूँ .


तेरी याद इतना बेचैन कर देती है ,
रात-भर नींद नहीं आती ,
बस यों ही सोया रहता हूँ .


तेरे प्यार भरे वो बोल ,
मेरे कानों में गूंजते रहते हैं .


ध्यान से सुनने को उन बोलों को ,
हरपल चुप -सा रहता हूँ .


दिल तन्हा है कोई मेरे पास नहीं ,
बस तेरी यादों में खोया रहता हूँ .


तेरी याद इतना बेचैन कर देती है ,
रात-भर नींद नहीं आती ,
बस यों ही सोया रहता हूँ ...


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