मैं पागल हूँ तेरे पीछे ,
दुनिया पागल है मेरे पीछे .
तुझमें क्या खूबी है मालूम नहीं ,
मगर मुझ पे मरते हैं अच्छे -अच्छे .
तुझे ये खबर भी नहीं है ,
मैं तुझे कितना चाहता हूँ.
लोग करते हैं याद मुझे हरपल,
मगर मैं हूँ कि तुझे भूल नहीं पाता हूँ .
कैसे समां पाएंगे वो मेरे दिल में .
लहराते हैं मेरी आँखों के सामने तो ,
तेरी जुल्फों के मोटे मोटे लच्छे .
मैं पागल हूँ तेरे पीछे ,
दुनिया पागल है मेरे पीछे .
मेरी जिन्दगी में कोई और कैसे आये ,
मेरे दिल में तो तू ही रहती है .
चाहत है तेरे दिल में भी मुझे पाने की .
फिर न जाने क्यों तू चुप रहती है .
दिल में है जो कह दो ,
शर्म से नज़र न कर नीचे .
मैं पागल हूँ तेरे पीछे ,
दुनिया पागल है मेरे पीछे .
मैं रह नहीं पाऊंगा बिन तेरे,
तू भी तो मेरे बिन मर जाएगी.
शर्म कर कर के मैं चुप रह जाऊँगा ,
तू भी कुछ नहीं कह पाएगी.
तेरे बिन मैं मेरे बिन तू नहीं रह पायेगी ,
बसा लो अपनी जुल्फों के नीचे ,
मैं पागल हूँ तेरे पीछे ,
दुनिया पागल है मेरे पीछे ...
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