Thursday, 1 September 2011

50. अब तो हर रोज


पहले तो कभी-कभी बात चलती थी ,
अब तो हर रोज रिश्ते आते हैं.


मगर ये कोई नहीं जनता ,
हम सिर्फ तुम्हें चाहते हैं.


उधर जब तुम्हारे भी ,
रिश्ते की बात चलती है.


पड़ती है मेरे कानों में ,
दिल पे छुरी चलती है .


एक दिन भी न मिल पायें तो ,
तेरे चेहरे पे उदासी के बादल छा जाते हैं.


पहले तो कभी-कभी बात चलती थी,
अब तो हर रोज रिश्ते आते हैं .


कैसे जी पाएंगे बिन तेरे ,
एक पल भी अकेले घबराते हैं.


तुम्हे पता चलता है या नहीं,
हम तो राज सपनो में तुमसे मिलकर आते हैं.


ये बात अलग है कि 
हम कुछ भी कह नहीं पाते हैं,


दिल के सारे अरमान 
दिल में ही रह जाते हैं.


पहले तो कभी-कभी बात चलती थी ,
अब तो हर रोज रिश्ते आते हैं .


जब तुम चुप रह जाओगे,,
तो हम भी कुछ ना कह पाएंगे . 


कोई और आ जायेगा जिन्दगी में ,
सारे सपने अधूरे रह जायेंगे .


क्या सभी प्यार करने वाले ,
जुदाई को इस तरह सह जाते हैं .


पहले तो कभी-कभी बात चलती थी,
अब तो हर रोज रिश्ते आते हैं .....


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