मैंने तो तुम से प्यार किया है ,
इसमें मेरा क्या कसूर है .
बेवफाई तो तुमने की है ,
मेरा दिल तो इस दाग से दूर है .
पहले तुमने ही हाथ मिलाया था ,
जिन्दगी-भर प्यार निभाने का .
अब कहती हो मुझे कोई हक नहीं ,
तुझे इस कदर चाहने का,
मैं तुझे कोई गम नहीं देना चाहता ,
क्योंकि मेरा दिल मजबूर है.
मैंने तो तुम से प्यार किया है ,
इसमें मेरा क्या कसूर है .
मुझे इतना विश्वास था तुम पर ,
कि जान भी मेरे नाम कर दोगी ,
ये सपने में भी नहीं सोचा था ,
एक दिन इस तरह बदनाम कर दोगी.
तुमने मेरे विश्वास का खून किया है ,
मेरा दिल इस गम में चूर है.
मैंने तो तुम से प्यार किया है ,
इसमें मेरा क्या कसूर है .
याद करो उस पल को ,
जब दिल से तुमने मुझे चाह था .
मेरे साथ किये हर वादे को ,
दिलो-जान से तुमने निभाया था.
तेरे निभाए हर वादे के लिए ही ,
तू ज़माने में मशहूर है .
मैंने तो तुम से प्यार किया है ,
इसमें मेरा क्या कसूर है ....
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