Monday 23 January 2012

205. जो गिरते हुए को संभाल ले


जब तकदीर  रूठ जाती है ,
तो इंसान लाख सँभालने पर भी गिर जाता है .


जो गिरते हुए को संभाल ले,
 वही तो खुदा का अवतार होता है.


यों तो लाखों आते जाते है राहों में ,
लाखों कि भीड़ में भी पहचान ले ,
वही तो आपका प्यार होता है ,


आँखों से देखकर तो कोई भी ,
इश्क लड़ाने लग जाता है ,
जो दिल की आँखों से  कोसों  की 
दूरी से भी पुकार ले ,
असल में वही तो अपना यार होता है .


हम क्या लेकर आये थे दुनिया में ,
कि लुटने का भये पाले बैठे हैं .
जो खुद को दूसरो पर लुटा दे ,
वही तो सबसे बड़ा दिलदार होता है .


उगते हुए सूरज को तो  सभी 
सलाम करते हैं अपनी गैरत में ,
जो डूबते हुए तारे का गम समझे ,
असल में वही तो अपना वफादार होता है .

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