बुढ़ापा वैरी जब आवै स
रग- रग म रोग लगावै स ,
ना कोई चा- पानी पकडावे स ,
सारा कुनबा खान नै आवै स.
थूक म भी बलगम आवै स ,
कोई तासला भी ना सरकाव स .
जीवन साथी छोड़ ग्या साथ मेरा
उसकी याद बड़ी सताव स .
इब कोई ना साथ निभाव स ,
मेरी नैया डूब दी जाव स .
खाट नै पकड़ लिया हाथ मेरा ,
इब कोई ना दे रया साथ मेरा .
इब कोई ना मैंने नुहाव स ,
बेटा भी आँख दिखाव स ,
आँख्यां म कट ज्या रात मेरी ,
नींद कति ना आव स ,
हर ओई न्यू समझाव स ,
राम तने बुलाव स .
दर्द घना सताव स ,
एक पल ना चैन आव स .
किसने कह दू बात मेरी ,
मेरे दिल म के के आव स ,
जिसने भी पास बुलाऊ सु ,
वो हे दूर भागना चाहव स .
इब म देखू बाट तेरी ,
कद सी मौत मेरी तू आव स .
इस देह त पैंडा छुड़ा दे न ,
मुक्ति मैंने दिला दे न .
कुछ भी सहा ना जाव स ,
जब बुढ़ापा वैरी आव स .
No comments:
Post a Comment