Sunday 8 January 2012

198.दिल न देना हमें


दिल न देना हमें ,
रहने को संसार ही काफी है .

न रहो मेरे पास हमेशा ,
तेरा एक पल का दीदार ही काफी है. 

सारी उम्र संग न रहना मेरे ,
तेरा थोड़े से दिन का प्यार ही काफी है .

मत करना फोन मुझे कभी ,
तेरा आँखों से इजहार ही काफी है .

मेरा साथ न दे सको तो सॉरी मत कहना ,
बस तेरा इशारो में इंकार ही काफी है .

कभी जीत न दिल किसी का गम नहीं,
मेरे लिए जिन्दगी में हार ही काफी है .

कितनो का ता-उम्र साथ निभाऊंगा ,
सबसे इसी तरह मैंने मांगी माफ़ी है .

No comments:

Post a Comment