Monday 16 January 2012

202. ईद के चाँद हो गए हो


आजकल दिखाई नहीं देते ग़ालिब ,
ईद के चाँद हो गए हो .

या कोई बीमारी हो गई है,
और चंद दिनों के मेहमान हो गए हो .

क्या किसी पे दिल आ गया ,
और कुर्बान हो गए हो .

चार-चार लोगो की सवारी करके ,
क्या श्मशान चले गए हो .

खाली- खाली नज़र आती है सब गलियां ,
क्या इंसान हो गए हो .

जुदाई में मार डालोगे क्या ,
बड़े शैतान हो गए हो .

किसी ने कैद कर लिया क्या दिल में ,
किसके  दीवाने हो गए हो .

शमा पे जलकर मरने के वास्ते ,
परवाने हो गए हो .

उधर  भी नहीं जाते आजकल ,
क्या खुद मैयखाने हो गए हो .

आजकल दिखाई नहीं देते ग़ालिब ,
ईद के चाँद हो गए हो .

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