दिल में है क्या खोल के दिखा दो।
चुप मत रहो बोल के बता दो।
देखती भी हो और छुपकर
रहना भी चाहती हो।
आँख मिचौली ही खेलती हो,
या कुछ कहना भी चाहती हो।
कुछ इशारों में ही जता दो।
दिल में है क्या खोल के दिखा दो।
थोड़ा मुस्करा दो या
तीर नजरों के ही चला दो।
इतना भी मत शरमाओ
जी भर कर नजरें मिलाओ
बोलकर न सही लिखकर ही बता दो
दिल में है क्या खोल के बता दो।।
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